india Lockdown 21 day1 अप्रैल को 10 सरकारी बैंकों का विलय

2020-04-07 2

1 अप्रैल 2020 से अर्थव्यवस्था भले ही न बदले लेकिन पूरे देश की बैंकिग व्यवस्था पूरी तरह से बदल जाएगी। पहले कार्यकाल में कई बैंकों के मर्जर के बाद मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल में भी बैंकों के विलय को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत 10 सरकारी बैंकों को 4 मजबूत बैंकों में बदला जाएगा। सुस्त होती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार ने किया सरकारी बैंकों के कंसॉलिडेशन किया जा रहा हे। इस विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी। 9.3 लाख करोड़ रुपये के कारोबार वाला बैंक ऑफ इंडिया तथा 4.68 लाख करोड़ रुपये के कारोबार वाला सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पहले की तरह काम करता रहेगा। पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का आपस में विलय किया जाएगा, जिससे देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक तैयार होगा और इसका व्यवसाय 17.95 लाख करोड़ का होगा। केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय किया जाएगा, जिससे चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा और इसका कारोबार 15.20 लाख करोड़ रुपये का होगा। यूनियन बैंक में आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय किया जाएगा, यह देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक तैयार होगा और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा। इससे सातवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा, जिसका कारोबार 8.08 लाख करोड़ रुपये का होगा।