संपूर्ण देश को लॉक डाउन करने के बाद मुंबई, गुजरात, दिल्ली व अन्य प्रदेशों में कार्य करने वाले कामगारों का पलायन लगातार जारी है। इन पर किसी भी प्रकार की कोई लगाम नहीं लग पा रही है। भले ही यातायात की सभी सेवाएं बंद कर दी गई हो, किंतु यह लोग पैदल, साइकिल, बाइक तथा खाद्यान्न आपूर्ति में लगी गाड़ियों से यह लोग अपने अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। वहीं कल सुबह से लेकर देर रात तक लगभग 200 लोग रोडवेज बस, ट्रक, पैदल व विभिन्न माध्यमों से अमेठी पहुंचे। किंतु इनके स्वास्थ्य तथा महामारी की संक्रामकता को स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कोई जांच नहीं की जा रही है। यहां तक कि स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम भी नहीं मौजूद है। जो भी गाड़ियां यहां पहुंच रही हैं। उन गाड़ियों से उतरने वाले यात्रियों के लिए सुरक्षा के किसी भी प्रकार का कोई बंदोबस्त नहीं है। ना तो उन्हें सैनिटाइज किया जा रहा है और ना ही उनका किसी भी प्रकार का चिकित्सकीय परीक्षण किया जा रहा है। जबकि ज्यादातर लोग नोएडा और दिल्ली से यहां पर पहुंच रहे हैं। सिर्फ खानापूर्ति के नाम पर यात्रियों को पुलिस कर्मियों के द्वारा उनका नाम पता मोबाइल नंबर नोट करके छोड़ दिया जा रहा है और यह लोग अपने घर चले जा रहे हैं। जबकि इसमें नहीं पता कौन महामारी से संक्रमित है और कौन नहीं यह लोग अपने घर और गांव पहुंचकर लोगों को अपनी चपेट में ले लेंगे। ऐसे में शासन प्रशासन द्वारा इस महामारी पर लगाम लगाने की सारी कवायद धराशाई होती नजर आ रही है।