हरदोई में कोरोना महामारी ने समूचे विश्व में हाहाकार मचा रखा है इससे निपटने के लिये भारत समेत पूरा विश्व अपनेअपने तरीकों से निपटने का प्रयास कर रहा है। भारत मे लगा जनता कर्फ्यू व शाम 5बजे कोरोना की जंग मे जूझते कर्मयोगियों स्वास्थ्य महकमा, पुलिस,पत्रकार के अभिनन्दन मे ताली थाली और शंखनाद कर उत्साहवर्धन किया गया।इस अभियान का भी भारत मे सोशल मंचों पर लोगो द्वारा मजाक उडाते हुये विरोध किया गया।इस विरोध पर हरदोई नगर के मोहल्ला आशानगर मे जन्मे रीतेश मिश्रा पत्रकार के पुत्र विनायक मिश्रा जो कि महाराष्ट्र राज्य के पुणे शहर मे पोस्टल अस्सिटेंट के पद पर तैनात है अपनी राय रखते हुये कहा कि जनता कर्फ्यू जैसा अदभुत प्रयोग व ताली थाली व शंखनाद से कर्मयोगियों का अभिनन्दन जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्भव कर दिखाया है। प्रधानमंत्री ने भारतवासियों से कोरोना को हराने के लिये एकजुटता का परिचय देते हुये जनता कर्फ्यू की अपील की, जिसका असर रविवार 22 मार्च को देखने मे आया।सम्पूर्ण देश के 130 करोड़ देशवासियों ने अपने प्रधानमंत्री के आवाहन पर स्वयं पर बिना किसी दबाव के कर्फ्यू लगा लिया।सम्पूर्ण राष्ट्र बन्द हो गया ।सभी बाजारें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान बन्द कर दिये। शहरों मे जहाँ शोरगुल के सिवा कुछ भी सुनाई नही देता था वहा चिडियों के चहचहानें की आवाज़ सुनाई दे रही थी। शान्ति के सागर मे डूबा भारत को देखकर ऐसा लग रहा था कि वीरभोग्या वसुंधरा गहरी नीद के आगोश मे चली गयी है। यह ठीक भी था क्योंकि कोरोना जैसी महामारी के विरुद्ध भारत की जंग थी।श्री मिश्रा आगे कहते है कि यह जंग अनवरत रूप से जारी रहनी चाहिए बिना रूके बिना थके लम्बे समय तक जबतक कि इस समस्