बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। बारिश और ओलावृष्टि के साथ तेज हवा ने सरसों और गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। दोनों ही फसलों में करीब 50 फीसदी नुकसान के अनुमान के बीच खेतों में जिधर भी किसानों की नजर गई, हर तरफ फसलें जमीन पर बिछी दिखीं। किसानों को चिंता है कि आलू की फसल में बारिश का पानी भरा रहा तो वह खुदाई से पहले ही सड़ जाएगा। शनिवार को दिन निकलते ही मूसलाधार बारिश व कई जगहों पर ओलावृष्टि हुई। इसके बावजूद करीब 1 सप्ताह से कैराना क्षेत्र में मूसलाधार बारिश व ओलावृष्टि का सिलसिला जारी हैं। बेमौसम हो रही बारिश से किसानों की गेहूं, ईख, गोभी, आलू व सरसों की फसलों को नुकसान हो रहा हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा किसानों को मुआवजे के लिए अभी तक सर्वे भी नहीं कराया गया हैं। किसानों को सरकार व भगवान से दया का इंतजार हैं। वहीं किसानों की फसलों के नुकसान की ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए कैराना तहसील के गांव पंजीठ में सर्कल की टीम पहुंची तो किसानों ने कहा कि उनके ऊपर कुदरत की मार तो पड़ी रही है इसके बावजूद कैराना से नालो द्वारा मामोर झील में जाने वाला पानी भी बारिश के कारण नाला ओवरफ्लो होने के कारण उनकी फसलों में घुस गया हैं। जिससे उनकी फसलों में पानी भर गया हैं। फसलें की जड़ गलकर नष्ट हो गई हैं। उन्होंने सरकार से मुआवजा दिलाने की मांग की है।