जब कोई बड़ी घटना घटती है तो हम संपादकीय पढ़ते हैं. वहां खबरों को सबसे तेज देने की होड़ नहीं होती है, थोड़ा ठहर कर विचार होता है, विमर्श होता है कि जो हुआ है वो क्यों हुआ है, क्या हुआ है और इसके क्या नतीजे निकलेंगे. तो मैंने दिल्ली हिंसा को लेकर देश के कुछ नामी स्तंभकारों के लेख पढ़े. उन्हीं के हिस्से मैं आज आपको सुनाने जा रहा हूं.
दिल्ली हिंसा पर प्रताप भानु मेहता, शेखर गुप्ता, आरती जेरथ, स्वामीनाथन अय्यर, सुधींद्र कुलकर्णी ने क्या कहा-क्या लिखा, इस वीडियो में जानिए.