दिल्ली को आग में झोकने में सोशल मीडिया की ख़तरनाक भूमिका सामने आई है. दिल्ली पुलिस ने शुरुआती तफ्तीश के बाद दावा किया है कि उसे संदिग्धों के मोबाइल फोन से ऐसे व्हाट्सप्प ग्रुप मिले हैं जिनका इस्तेमाल हिंसा भड़काने में किया गया. हालांकि दंगों में सोशल मीडिया और वॉट्सएप की ऐसी भूमिका पहले भी उजागर हो चुकी है. 2013 का मुज़्ज़फ़पुर दंगा भी पाकिस्तान के एक फेक वीडियो से शुरू हुआ था.
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