दिल्ली दंगे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। धुएं का गुबार छंटने के बाद शहर में तीन दशक के सबसे भयावह दंगों से हुआ वास्तविक नुकसान अब सामने आ रहा है। वहीं आशंकाओं के बीच अब हालात सामान्य होते नजर आ रहे हैं.. लेकिन जिन इलाकों में आग के गुब्बार उठे उन इलाकों में आज भी जलने की बदबू महसूस की जा रही है.. लेकिन हिंसा में कई लोग अंधे जरुर हुए लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की... लेकिन कई मां-बाप ऐसे भी है जिनके बच्चे इस दंगे के चलते गायब हो गये हैं और अभी तक उनका कोई अता- पता नहीं चल सका है.. और अपने बच्चों के लौटने का इंतजार कर रहे हैं...