पटना. बिहार में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन) लागू नहीं होगा। बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित कराया गया। वहीं, राज्य में 2010 के फॉर्मेट पर ही एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) होगी। इसमें सिर्फ ट्रांसजेंडर का कॉलम जोड़ा जाएगा। एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने वाला एनडीए शासित बिहार पहला राज्य है। मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद ही विपक्ष इस बात को लेकर लगातार हंगामा कर रहा था कि सरकार एनपीआर को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। सुशील मोदी के बजट भाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने एनआरसी लागू नहीं करने संबंधी प्रस्ताव दिया, जिस पर सभी दलों ने सहमति जताई।