शामगढ़ महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर पांडव कालीन अति प्राचीन प्रसिद्ध धर्मराजेश्वर मंदिर पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन रखा गया है। मेले में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्तों का भारी जन सैलाब यहां देखने को मिलेगा। वहीं मंदिर अति प्राचीन होने के साथ-साथ ऐसी मान्यता है कि यहां अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने कुछ समय बिताया था, और इसके बाद पांचो पांडव भगवान धर्मराजेश्वर की पूजा करने के बाद ही भोजन करते थे। यहीं से भीम ने अपनी उंगली के प्रहार से गुफा बनाई थी। मंदिर की बनावट अपने आप में बहुत ही आकर्षक एवं चमत्कारिक हैं। आसपास बनी गुफाओं को देखकर ऐसा लगता है कि कोई सुव्यवस्थित नगर बसाया गया है। मंदिर अतिप्राचीन होने के साथ-साथ कई मान्यताओं से भी जुड़ा हुआ है। एक मान्यता यह भी है कि यहां पर भगवान धर्मराजेश्वर के मंदिर में रात में जागरण करने पर मनुष्य को एक योनि की मुक्ति मिल जाती हैं,, वह अपने सारे पापों से मुक्त हो जाता है। आसपास की प्राकृतिक और सौंदर्य युक्त प्रकृति का मनोहारी दृश्य भी लोगों को यहां आने के लिए उत्सुक करता है।