क्या है ढ़ाई आखर प्रेम का? || आचार्य प्रशांत, कबीर साहब पर (2019)

2020-04-02 1

वीडियो जानकारी:
पार से उपहार शिविर
10 अगस्त, 2019
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
"पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय।
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय"।।

इसमें जो प्रेम की बात है उसका क्या आशय है?
ज्ञान के साथ प्रेम होना ज़रूरी क्यों है?
सच्चा ज्ञानी कौन?

संगीत: मिलिंद दाते

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