भोपाल में धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों की समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार लगातार नए नए कदम उठा रही है, ताकि अतिथि विद्वानों को उनका हक मिल सके। गुरुवार को उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने अतिथि विद्वानों को जल्द ही मुख्यधारा में लाने के लिए घोषणा की है कि करीब 1900 अतिथि विद्वान हैं जिन्हें किसी कॉलेज में जगह नहीं मिल पाई है। इन सभी को मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार हर साल पीएससी के माध्यम से 500 प्रोफेसर की भर्ती करेगी। इस भर्ती प्रक्रिया में अतिथि विद्वानों के लिए अलग से 20 नंबर का प्रावधान किया है वहीं उनके लिए पीएससी की परीक्षा देने के लिए उम्र का कोई क्राइटेरिया भी नहीं रखा जाएगा। ये निर्णय कैबिनेट में भी पास हो चुका है।उच्च शिक्षा मंत्री के मुताबिक पिछले 15 सालों के दौरान तत्कालीन शिवराज सरकार ने पीएससी के माध्यम से बहुत कम भर्तियां निकाली थी। जिसकी वजह से करीब पांच हजार लोग अतिथि विद्वान के तौर पर काम कर रहे है। ये पिछली सरकार का पाप है। लेकिन हम विद्वानों की परेशानी को समझते है और उनकी परेशानी को देखते हुए जल्द ही सभी मुख्यधारा में लाना चाहते है। जीतू पटवारी ने कहा कि उन्हें दुख हुआ कि धरने के दौरान एक महिला विद्वान को मुंडन कराना पड़ा। धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों को समझना होगा कि सरकार उनके साथ है।