मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राज्य में NPR लागू करने से इनकार कर दिया है। कमलनाथ सरकार ने फैसला किया है कि फिलहाल प्रदेश में ये लागू नहीं होगा। कमलनाथ सरकार के इस फैसले पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पलटवार किया है। सुशील मोदी इंदौर में एक निजी आयोजन में शिरकत करने के लिए पहुंचे हैं। उनका कहना है कि मुझे नहीं लगता कोई भी प्रदेश इसे लागू करने से मना कर सकता है। एनपीआर का समर्थन करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि यह जनगणना का हिस्सा है और जनगणना देश में हर 10 साल में होती आई है यह पहली बार नहीं हो रहा है। पहले यूपीए के कार्यकाल में भी एनपीआर बना था, जिसका कार्ड तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को दिया गया था। एनपीआर के विरोध को उन्होंने गलत बताते हुए कहा कि कांग्रेस समर्थित राज्यों में इसका विरोध किया जा रहा है जबकि एनपीआर का सीएए से कोई संबंध नहीं है। इसके जरिए देश में दलितों और गरीबों की संख्या का सही आंकड़ा सामने आएगा। सुशील मोदी का कहना है कि जो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करते आए हैं वे एनपीआर के बहाने से मोदी का विरोध कर रहे हैं जबकि एनपीआर यूपीए सरकार ही लाई थी। वहीं बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सुशील मोदी का कहना है कि दिल्ली में जिस विकास के मुद्दे पर आप पार्टी ने चुनाव जीता है, बिहार में भी उसी विकास के मुद्दे पर चुनाव जीता जाएगा। उनका कहना है कि बिहार का मुद्दा दिल्ली के विकास के मुद्दे से अलग नहीं है। बिहार में चौथी बार प्रचंड बहुमत से एनडीए सरकार बनने का दावा भी सुशील मोदी ने किया है।