प्रदेश में सीएम कमलनाथ और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच चल रही गुटबाजी पर जहां विपक्ष राजनीतिक रोटियां सेंकने के प्रयास में जुट गया है, वहीं इस मामले में लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने राजनीति करने से साफ इंकार किया है। महाजन का कहना है कि मैं दूसरों की पार्टी में हस्तक्षेप नहीं करती, मेरा ध्यान मेरी पार्टी पर ही रहता है। उन्होंने सीएम कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया को समझदार नेता बताते हुए कहा कि उन्हें आपस में इस मामले को सुलझाना चाहिए। वहीं भाजपा विधायक रमेश मेंदोला द्वारा सिंधिया को पत्र लिखने के मामले में कहा कि पित्रेश्वर हनुमान धाम पर कोई भी आ सकता है, यदि निमंत्रण पत्र दिया गया है तो यह अच्छी बात है। वही सीएए के मुद्दे पर भाजपा छोड़कर जा रहे अल्पसंख्यकों के मामले पर ताई का कहना है कि अल्पसंख्यकों को अपने समुदाय में रहते हुए कुछ झेलना भी पड़ता है। मेरा विश्वास है कि सब समझदारी से काम लेंगे। उन्होंने भाजपा छोड़ने वाले अल्पसंख्यक पार्षद उस्मान पटेल से बात करने और उन्हें समझाने की बात कहते हुए कहा कि पटेल कई वर्षों से भाजपा के कार्यकर्ता रहे हैं वे उनसे बात करेंगी।वही सीएए के विरोध में इंदौर में चल रहे धरने पर ताई ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि वहां घुसपैठियों के समर्थन में भड़काऊ भाषण दिए जा रहे हैं, जिसके संदर्भ में उन्होंने सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर उन्हें अनुमति नहीं देने की अपील की है। ताई का कहना है कि यदि अल्पसंख्यक इस मामले में बात करना चाहते हैं तो वे तैयार है लेकिन प्रदर्शन कर रहे लोगों का भी बातचीत के लिए तैयार होना जरूरी है। दिल्ली और इंदौर में चल रहे धरने के बीच ताई सुमित्रा महाजन ने इसमें सकारात्मकता दिखाई देने की बात कही है।