इंदौर नगर निगम के अधूरे पड़े परिषद हॉल पर जहां महापौर मालिनी गौड़ कटाक्ष कर चुकी है वहीं अब इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। महापौर के कटाक्ष के बाद अब सभापति आपसी खींचतान के चलते सम्मेलन हॉल नहीं बनने का आरोप लगा रहे हैं। कहा जा रहा है कि आपसी खींचतान और कुछ लोगों की परिषद हॉल पूरा नहीं करवाने की मंशा के चलते ही काम पूरा नहीं हो पा रहा है। यही नहीं इसी खींचतान के चलते जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों का दुरुपयोग होने की बात भी कही जा रही है। दरअसल वर्तमान नगर निगम परिषद का अंतिम सम्मेलन एक बार फिर लाखों रुपए खर्च कर किसी व्यवसायिक स्थल पर किया जाएगा, जबकि पिछले लंबे समय से बड़ी राशि खर्च कर नगर निगम खुद का सम्मेलन हॉल तैयार करवा रहा है। नगर निगम के सभापति अजय सिंह नरुका का कहना है कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण पहलू है कि समय पर नगर निगम सम्मेलन का हॉल नहीं बनवा पाया है। नरूका के मुताबिक नगर निगम के ही कुछ लोगों की वजह से सम्मेलन हॉल का काम पूरा नहीं हो पाया, हालांकि नरूका उन लोगों का नाम बताने से कतराते दिखाई दिए, लेकिन इशारों- इशारों में उन्होंने साफ कर दिया कि आपसी खींचतान के चलते नगर निगम के सम्मेलन हॉल का निर्माण कार्य नहीं हो पाया। सम्मेलन हॉल नहीं बन पाने के कारण नगर निगम के सभी सम्मेलन बीते 5 साल से व्यवसायिक स्थलों पर किए गए और सम्मेलन पर लाखों रुपए की राशि भी खर्च कर दी गई। नगर निगम की वर्तमान परिषद के अंतिम सम्मेलन में भी लाखों रुपए खर्च कर दिए जाएंगे। वहीं इस मामले में महापौर मालिनी गौड़ ने आपसी खींचतान की बात को सिरे से नकारते हुए ठेकेदार पर लापरवाही और देरी करने का ठीकरा फोड़ा है। महापौर का कहना है कि किसी भी तरह की आपसी खींचतान नगर निगम के अधिकारियों और नेताओं में नहीं है।