Abu of Etawah works with his legs inspirational story
इटावा। 13 साल के अबु हमजा की जिंदगी पर बिजली तब गिरी जब वह पांच साल का था। चाचा के घर खेलने गए अबु खेलते-खेलते करंट की चपेट में आ गया। उसकी जान तो बच गई लेकिन उसको दोनों हाथ गंवाने पड़े। दिव्यांगता के बावजूद अबु ने पैरों के सहारे लिखना सीखा, कीबोर्ड चलाना सीखा और जिंदगी के कई काम वह सामान्य बच्चों की तरह करता है। उसकी मेहनत को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने इंटरमीडिएट तक उसे बिना शुल्क लिए पढ़ाने का फैसला किया है।