जेएनयू के साबरमती हॉस्टल में मारपीट कर रही एक नकाबपोश लड़की का चेहरा बेनकाब हुआ तो दिल्ली पुलिस की थ्योरी भी गलत साबित हो रही है. दिल्ली पुलिस ने 10 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जेएनयू हिंसा में बाहरी लोगों का हाथ होना मुश्किल है. इसके महज तीन दिन बाद अब दिल्ली पुलिस जो कह रही है उससे उसी की थ्योरी गलत साबित हो रही है.