अजमेर में ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के प्रमुख दीवान ज़ैनुल आबेदीन को नागरिकता क़ानून का समर्थन करना महंगा पड़ गया. अजमेर के मुसलमानों और इस दरगाह के कुछ ख़ादिमों ने दरगाह प्रमुख का ही पुतला फूंक दिया और उनके ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की. प्रदर्शनकारी दरगाह दीवान हाय हाय और दरगाह दीवान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे.
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