मंडी बोर्ड ने व्यापारियों की लाइसेंस फीस बढ़ाने के साथ, लेट फीस में भी बढ़ोत्तरी का फैसला लिया है। नए फैसले के खिलाफ व्यापारियों ने भी मोर्चा खोल लिया है। मध्य प्रदेश अनाज तिलहन व्यापारी एसोसिएशन के आह्वान पर एक दिवसीय प्रदेश व्यापी बंद रखा गया है। एक दिनी सांकेतिक हड़ताल के जरिए व्यापारी अपना आक्रोश जाहिर कर रहे है। व्यापारियों की हड़ताल की वजह से इंदौर स्थित प्रदेश की सबसे बड़ी अनाज तिलहन मंडी संयोगितागंज और लक्ष्मीबाई अनाज मंडी में सन्नाटा पसरा रहा। इन दोनों मंडियों में प्रतिदिन लगभग 5 करोड रुपए का व्यापार होता है, जिससे लाखों का राजस्व सरकार को मिलता है। वही प्रदेश भर में लगभग 60 करोड़ से अधिक का व्यापार प्रतिदिन अनाज मंडियों में होता है। ऐसे में व्यापारियों की एक दिनी हड़ताल से मंडी प्रशासन को लगभग 2 करोड रुपए की शुल्क राशि का नुकसान होने की संभावना है। संयोगिता गंज अनाज मंडी के अध्यक्ष का कहना है कि अनाज और तिलहन व्यापार का महासंघ व्यापारियों के हित में सरकार से बातचीत कर रहा है। यदि एक दिनी सांकेतिक हड़ताल से सरकार नहीं जागी और सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो महासंघ के निर्देश पर विरोध की आगामी रूपरेखा तैयार की जाएगी। गौरतलब है कि सरकार ने लाइसेंस फीस में 5 गुना वृद्धि कर दी है, वही पहले 1 साल के लिए जो लेट फीस लगती थी। अब इतनी राशि 1 महीने में वसूलने का फैसला सरकार ने लिया है। एक तरफ जहां सरकार का तर्क है कि व्यापारियों के लाइसेंस फीस वृद्धि करने से सरकार को ज्यादा मुनाफा होगा वही व्यापारियों के मुताबिक वे ज्यादा राशि चुकाने की स्थिति में नहीं है। व्यापारियों की हड़ताल की वजह से अकेले इंदौर शहर में ही मंडी प्रबंधन को लाखों के शुल्क का नुकसान होगा।