निर्भया मामले में बुधवार का दिन बेहद खास रहा। इस मामले में आज दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट और पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई थी। सुप्रीम कोर्ट में निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषी अक्षय कुमार की पुनर्विचार याचिका को लेकर सुनवाई की गई। जिसे 3 सदस्यीय बेंच ने खारिज कर फांसी की सजा को बरकरार रखा है। पहले बात पुनर्विचार याचिका पर हुई सुनवाई की करते हैं...
सुप्रीम कोर्ट में निर्भया केस के दाेषी अक्षय कुमार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई में अक्षय के वकील एपी सिंह ने केस की जांच और पीड़ित के बयानों पर कई सवाल उठाए। वकील ने पहली दलील ये दी कि पीड़ित यानी निर्भया ने अपने आखिरी बयान में अक्षय या किसी दोषी का नाम नहीं लिया था। वकील ने दूसरी दलील दी कि पीड़ित की मौत ड्रग ओवरडोज से हुई थी और तीसरी दलील में कहा कि मीडिया और राजनीतिक दबाव से प्रेरित होकर अक्षय को सजा सुनाई गई है..इसके अलावा निर्भया केस के इकलौते चश्मदीद गवाह पीड़ित के दोस्त की गवाही पर सवाल भी उठाए। उन्होंने कहा कि चश्मदीद पैसे लेकर इंटरव्यू दे रहा है और उसकी गवाही भरोसे लायक नहीं थी। लेकिन जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने जो तर्क रखे हैं, वो पहले भी रखे जा चुके हैं। उनमें कोई नया तथ्य नहीं है, जिसके लिए सजा पर पुनर्विचार की जरूरत हो
दूसरी सुनवाई पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया मामले के दोषियों के डेथ वारंट को लेकर थी। कोर्ट ने मामले के दोषी अक्षय, पवन, विनय और मुकेश को दया याचिका दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है। साथ ही कोर्ट 7 जनवरी 2020 को डेथ वारंट पर फैसला करेगी। इस फैसले पर अदालत में मौजूद निर्भया की मां आशा देवी रो पड़ीं। लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि हम आज इंसाफ के एक कदम और नजदीक पहुंचे हैं...वहीं, दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने कहा है कि हम क्यूरेटिव पिटीशन लगाएंगे और इसके बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका भी भेजेंगे