18 साल पहले 13 दिसंबर को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादियों ने संसद पर हमला करते हुए खुलेआम गोलीबारी की जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी.