महिला डॉक्टर को ‘Nirbhaya’ की चिट्ठी- दिल्ली से हैदराबाद तक, कहां कुछ बदला?

2019-12-06 2

Hyderabad की मेरी प्यारी डॉक्टर बहन. मैं तुम्हें ही लिख रही हूं. क्योंकि हैदराबाद के उस Toll Plaza पर तुम नहीं, मैं भी खड़ी थी. जब तुम्हें उनपर बहुत गुस्सा आ रहा था तो आंखें मेरी भी लाल हो रही थीं. तुम्हारे गाल पर ढलका आंसू का वो एक कतरा, मेरी रूह से निकला था. तुम्हारे साथ मेरी सांसें भी उखड़ीं. तुम्हारे घरवालों की सिसकियों में मैं भी शामिल थी.