कब उलझने से बचना है, और कब जूझ पड़ना है? || आचार्य प्रशांत (2017)
2019-12-01
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वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर
२५ नवंबर, २०१७
कैंचीधाम, नैनीताल
प्रसंग:
कब उलझने से बचना है, और कब जूझ पड़ना है?
कब शांत रहना ज़रूरी है और कब लड़ना?
जीवन में सही निर्णय कैसे लें?
संगीत: मिलिंद दाते