कैसे मिले इश्क़ का नयापन? || आचार्य प्रशांत, संत बुल्लेशाह पर (2017)
2019-11-29
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वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
१९ जनवरी, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
उमर गवाई विच्च मसीती,
अन्दर भरिआ नाल पलीती,
कदे नमाज़ वहादत ना कीती
हुण क्यों करना ऐं धाड़ो-धाड़।
इशक दी नविओं नवीं बहार।
~ संत बुल्ले शाह
संगीत: मिलिंद दाते