वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२२ फ़रवरी, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
पशु होना भला, या इंसान होना?
क्या पशुओं के मुकाबले इंसान की मुक्ति ज्यादा सरल हैं?
इंसान अपने को श्रेष्ट क्यों समझाता है?
कई ग्रंथो में ऐसा क्यों बोला गया है की इंसान में जन्म लेना बहुत दुर्लभ है?