वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
७ दिसम्बर २०१४,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
दोहा:
सोना, सज्जन, साधुजन, टूटि जुरै सौ बार|
दुर्जन कुंभ-कुम्हार के, एकै धक्का दरार ||
प्रसंग:
क्या संसार की पीड़ा आपके मन को सताती है?
क्या संसार की मुसीबतों से मुक्ति चाहिए?
संसार में रहकर संसार मुक्ति कैसे रहें?