वीडियो जानकारी:शब्दयोग सत्संग२७ अप्रैल २०१४अद्वैत बोधस्थल, नॉएडादोहा:दीन लखै मुख सबन को, दीनहिं लखै न कोय |भली बिचारी दीनता, नरहू देवता होय || (संत कबीर)प्रसंग:सत्य क्या है?संतत्व क्या है?तुम उसे कब देखोगे?