वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, फ्री हर्ट्स शिविर
१९ फ़रवरी, २०१८
ऋषिकेश
प्रसंग:
रवीन्द्रनाथ टैगोर, वासना को निर्बल और निराधार क्यों कह रहे है?
वासना चाहती क्या है?
क्या वास्तव में वासना निर्बल होता है?
जब वासना निर्बल है तो फिर बार-बार उठता क्यों है?
क्या वासना की प्राप्ति संभव है?