वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
४ जनवरी २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
दोहा:गुरु कीजिए जानि के, पानी पीजै छानि ।
बिना विचारे गुरु करे, पड़े चौरासी खानि॥
प्रसंग:
मन के माध्यम से इश्वर पाना क्यों सम्भव नहीं है?
मन को काबू में करके इश्वर को कैसे प्राप्त करें?
अहंकारयुक्त मन हमेशा समस्या ग्रस्त क्यों रहता है?