वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२० अगस्त २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
पौढ़ी
अनदिनु साहिबु सेवीऐ अंति छडाए सोइ ॥
नितनेम (शबद हज़ारे )
Night and day, I serve my Lord and Master
He shall save me in the end.
प्रसंग:
पता भी है कौन बचा रहा है तुम्हें?
गुरु नानक संसार को मत्वपूर्णता से लेने क्यों नहीं कह रहे है?
क्या किसी से चिपक कर बैठ जाना ही दुःख का कारण है?