वीडियो जानकारी:
०४ जून, २०१९
अद्वैत बोधस्थल,
ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
से वणजारे आए नी माए,
से वणजारे आए,
लालां दा ओह वजण करेंदे,
होका आँख सुणाए।
~ बाबा बुल्लेशाह
बुल्लेशाह जी पत्थर से किसे संबोधित कर रहे हैं?
संसार को पत्थर और सत्य को हीरा क्यों बताया गया है?
जीव का मन पदार्थों में अधिक क्यों लगता है?
सत्य से दिल कैसे लगाएँ?
बाबा बुल्लेशाह को कैसे समझें?
संगीत: मिलिंद दाते