संसार बीतता देखकर भी संसार समझ नहीं आता? || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

2019-11-25 0

वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
४ मई २०१४,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

दोहे:
कबिरा नौबत आपनी, दिन दस लेहु बजाय |
वह पुर पट्टन यह गली, बहुरि न देखौ आय || (संत कबीर)

प्रसंग:
संसार क्या है?
क्या है सत्य?
संसार बीतता देखकर भी संसार समझ नहीं आता?
मृत्यु जीवन का सबसे बड़ा सत्य है, यह जानने के बाद भी मनुष्य चेतता क्यूँ नहीं?

Free Traffic Exchange