हम स्थितियों के साथ बह क्यों जाते हैं? || आचार्य प्रशांत (2018)

2019-11-24 3

वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर
२५ जून २०१८
रानीखेत, उत्तराखंड

प्रसंग:
हम भावनाओं में बह क्यों जाते हैं?
हम पुरानी चीज़ों पर अटके क्यों रहते हैं?
जैसी स्थितियाँ होती हैं, हम उन्हीं के अनुरूप क्यों हो जाते हैं?
क्या स्थितियों के साथ चलना गलत है?