वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
७ दिसम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
दोहा:
कबीर क्षुधा कूकरी, करत भजन में भंग |
वाकूं टुकडा डारि के, सुमिरन करूं सुरंग || (गुरु कबीर)
प्रसंग:
संवेदनशीलता क्या है?
संवेदनशील कैसे हों?
संवेदनशील जीवन कैसे बनाएं?
संवेदनशीलता और भावुकता में क्या अंतर हैं?
भावुक होने से कैसे बचें?