वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
३१ दिसम्बर, २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
मन को देखना कठिन क्यों लगता है?
मन को कैसे समझें?
मन इतना चंचल क्यों है?
मन को एकाग्र कैसे रखे?
बदलाव माने क्या?
बदलाव क्यों ज़रूरी है?
क्या भीतरी और बाहरी बदलाव एक साथ होते हैं?
संगीत: मिलिंद दाते