वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
८ फरवरी २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
दोहा:
जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ |
मैं बपुरा डूबन डरा, रहा किनारे बैठ || (संत कबीर)
प्रसंग:
मन डरता क्यों है?
क्या डर कोई विधि है?
क्या डर के पार जाया जा सकता है?
क्या डर मात्र मानसिक होता है?