क्या साक्षी होने का अर्थ है विचारों को देखना? || आचार्य प्रशांत (2019)
2019-11-23
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वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, विश्रांति शिविर
४ अगस्त, २०१९
पुणे, महाराष्ट्र
प्रसंग:
साक्षी माने कौन?
क्या अपने विचारों को देखना साक्षित्व नहीं है?
क्या हर वक़्त साक्षी रहना संभव है?
संगीत: मिलिंद दाते