आर्थिक मोर्चे पर 2 बुरी खबरें आई हैं. GDP 5% तक गिरने का डर और बढ़ी महंगाई दर. लग ये रहा है कि सरकार के हाथ से वक्त रेत की तरह फिसलता जा रहा है. इकनॉमी को संभालने के लिए सरकार ने पिछले महीनों में ताबड़तोड़ कदम उठाए लेकिन स्थिति ऐसी जटिल है कि मन मुताबिक नतीजे नहीं निकल रहे. कुछ अर्थशास्त्रियों की नजर में ये स्लोडाउन है कुछ कहते हैं अब संकुचन शुरू हो चुका है. #EconomicSlowdown #BreakingViews