वे इस्लाम को मानते थे, रोज़ा और नमाज़ के पाबंद थे, उनके एक हाथ में कुरान और दूसरे में गीता हुआ करती थी. वे हिन्दू संस्कृति के अच्छे जानकार थे, उन्होंने संस्कृत भाषा सीख रखी थी खाली समय में वे वीणा बजाते थे. उनके पिता मस्जिद के इमाम थे लेकिन उनके घर तक पहुँचते- पहुँचते धर्म और जाती की दीवार टूट कर बिखरने लगती थी सही मन्ये में सच्चे और secular भारत के 11वे राष्ट्रपति डॉ. A. P. J. Abdul Kalam.