शराबबंदी का मुद्दा इस समय भारत के कुछ प्रदेशों में गरमाया है। कुछ राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए इसे अहम मानते हैं। गुजरात में वर्षों से मदिरा पर रोक है, बावजूद इसके वहां पर चोरी-छिपे पच्चीस हजार करोड़ रुपये की शराब साल भर में पी जाती है। बिना भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर्स और नेताओं के ये संभव नहीं है। माफियाओं और भ्रष्टों को इसके जरिये एक व्यवसाय हाथ लग गया है