हिन्दू पौराणिक कथाओं में यह एक ऐसी कोबरा जाति का सांप होता है, जो 100 वर्ष की उम्र पूर्ण करने के बाद रूप बदलने की क्षमता प्राप्त कर लेता है और फिर वह सैकड़ों वर्षों तक जीवित रहता है। ऐसी किंवदंती भी है कि नागों में कुछ ऐसे नाग भी होते हैं, जो सभी तरह का ज्ञान रखते हैं। जिस तरह इंसानों में सिद्ध संत होते हैं उसी तरह नागों में सिद्ध नाग होते हैं, जो किसी के भी शरीर का इस्तेमाल करके इंसानों का भला करते हैं।