फिल्म समीक्षा : लाल रंग Movie Review : Laal Rang

2019-09-20 30

जरूरी नहीं है कि अच्छा आइडिया हो तो फिल्म भी अच्छी ही बने। 'लाल रंग' के साथ यही हुआ है। सैयद अहमद अफज़ल ने एक अच्छे उद्देश्य के साथ 'लाल रंग' बनाई है, लेकिन वे बात को सही तरीके से नहीं रख पाए। यहां लाल रंग का मतलब खून से है। खून किसी की जिंदगी बचा सकता है, लेकिन कुछ लोग इसे व्यापार बना लेते हैं। इन रक्त माफियाओं के काम करने के तरीके के इर्दगिर्द घूमती है 'लाल रंग'। फिल्म न तो वे मनोरंजक है और न ही गंभीर मुद्दे को ठीक से उठा पाती है। कुल मिलाकर 'लाल रंग' रंगहीन है।