एक दिन दशरथ मांझी की पत्नी फाल्गुनी (फगुनिया) पहाड़ से गिर जाती है। घूम कर जाना पड़ता है और इस कारण उसकी मृत्यु हो जाती है। गुस्साया दशरथ विशाल पहाड़ के सामने खड़ा होकर बोलता है 'बहुत बड़ा है, अकड़ है, ये भरम है, भरम' और वह हथौड़ा लेकर अकेला ही सुबह से लेकर रात तक पहाड़ में से रास्ता बनाने में जुट जाता है।