हम सभी को नियमो की जानकारी है मगर हम उनका पालन करने की जगह उनसे पीछा कैसे छुड़ाये इसी कोशिश में लगे रहते है मगर जब कोई हादसा होता है तब तक बहुत देर हो जाती है क्योंकि हादसे कह कर नही आते । दुसरो के बहकावे में न आये नियमो का पालन दिल से करे ,स्वेच्छा से करे क्योकि हादसा होने के बाद दूसरे सभी मुह फेर लेते है जो आपको चालान से बचाने की बात करते है .. क्या वो दुर्घटना से आपको बचा पॉएँगे ... नही न ? .. उस समय सिर्फ आपका परिवार आपके साथ होता है और कोई नही .. तो उनके बारे में सोचे जो आपके लिए जीते है ,जो आप पर निर्भर है ....
आपका शुभचिंतक,
सुमन्त सिंह कछावा