गोबर के उपले जलाकर क्यों दी जाती है घी-गुड़ की आहुति?

2019-09-14 22

श्राद्ध में एक परंपरा ये भी है कि घर में भोजन बनने के बाद सबसे पहले पितरों को भोग लगाया जाता है। इस दौरान गोबर के उपलों को जलाकर उस पर घी-गुड़ से आहुतियां दी जाती हैं, परिवार का हर सदस्य 5-5 आहुतियां देता है। इसके पीछे महाभारत में एक कथा आती है, श्राद्ध का भोजन लगातार करने से पितरों को अजीर्ण (भोजन न पचना) रोग हो गया और इससे उन्हें कष्ट होने लगा। तब वे ब्रह्माजी के पास गए और उनसे कहा कि- श्राद्ध का अन्न खाते-खाते हमें अजीर्ण रोग हो गया है, इससे हमें कष्ट हो रहा है, आप हमारा कल्याण कीजिए।

देवताओं की बात सुनकर ब्रह्माजी बोले- मेरे निकट ये अग्निदेव बैठे हैं, ये ही आपका कल्याण करेंगे। अग्निदेव बोले- देवताओं और पितरों, अब से श्राद्ध में हम लोग साथ ही भोजन किया करेंगे। मेरे साथ रहने से आप लोगों का अजीर्ण दूर हो जाएगा। यह सुनकर देवता व पितर प्रसन्न हुए। इसलिए श्राद्ध में सबसे पहले अग्नि का भाग दिया जाता है।

Free Traffic Exchange