मथुरा. मध्य रात्रि 12 बजे जन्म स्थान के गीता मंदिर में भगवान का प्राकट्य हुआ। प्राकट्य होते ही जय-जयकार गूंजने लगी। मंदिर में ठाकुर जी की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम जमा था। प्राकट्य के बाद महाआरती हुई और इसके बाद ठाकुर जी को मोछर्लासन में विराजमान कर अभिषेक स्थल तक लाया गया।