पीने से 100 से ज्यादा ग्रामीणों की तबीयत खराब

2019-08-22 46

आगर-मालवा. जिले के ग्राम कुंडलाखेडा में दूषित पानी पीने से 100 से भी अधिक ग्रामीणों की तबीयत खराब होने का मामला सामने अाया है। मामले की जांच में पीएचई विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई। ग्रामीणों द्वारा निस्तरी के लिए दो कुओं का उपयोग किया जाता है। जिसका पानी जांच में दूषित पाया गया है। 





 



स्वास्थ अधिकारी आरसी ईरवार ने बताया कि पानी के दूषित होने के प्रारंभिक तौर पर दो कारण सामने आए हैं। पहला बारिश का पानी कुएं में जाने से पानी गंदा हुआ है। वहीं दूसरा कारण ग्रामीणों द्वारा फैलाई जा रही गंदगी। ग्रामीण कुएं के किनारे ही कपड़े धोने, गोबर फेंकने सहित अन्य प्रकार की गंदगी करते हैं, जिस कारण पानी दूषित हो रहा है।



 



मामले में डॉक्टर राजीव बड़सेना का कहना है कि ग्रामीण पानी दूषित होने के लिए पीएचई विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में 5 नलकूप हैं पर एक को छोड़कर सभी तकनीकी कारणों से बंद हैं, वहीं गांव में नलजल योजना के तहत पेय जल के लिए पाइप लाइन भी डली हुई है, पर पिछले तीन साल से काफी धीमी गति से टंकी का निर्माण कार्य ही चल रहा है, उसके चलते ग्रामीण भरी बारिश में इन दूषित कुओं का पानी पीने को मजबूर हैं।

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