आपत्ति न होती तो 'वंदे मातरम्' होता हमारा राष्ट्रगान

2019-08-19 1

1950 में जब भारत गणतंत्र बना तब वंदे मातरम् पर राष्ट्रगान बनने की मुहर लगनी थी लेकिन जन-गण-मन को इस रेस में जीत हासिल हुई
वंदे मातरम् 'आनंदमठ' उपन्‍यास का हिस्सा था,जिसे बंकिमचंद्र चटर्जी ने 1875 में लिखा था और रबींद्रनाथ टैगोर ने इस गीत को सबसे पहले गाया था.
1930 में वंदे मातरम् को लेकर मुसि्लम नेताओं ने कुछ हिस्सों पर आपत्ति जताई
थी जिसके बाद जनवरी 1950 में जन-गण-मन को राष्ट्रगान चुन लिया गया.