मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार करोड़ों रूपए खर्च कर रही हैं. शिक्षा के स्तर सकारात्मक बदलाव के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी औऱ खुद मंत्री विदेशों के दौरे कर रहे है. लेकिन, प्रदेश के स्कूलों की तस्वीर कुछ और ही हकीकत बयां करती है. राजधानी भोपाल के शासकीय माध्यमिक शाला स्कूल में पिछले तीन साल से शौचालय नहीं है. शौचालय के लिए छात्र-छात्राओं को पास ही स्थित सुलभ कॉम्पलेक्स में जाना पड़ता है. छात्राएं स्कूल तो आना चाहती हैं, लेकिन स्कूल में शौचालय नहीं होना छात्राओं के लिए परेशानी का सबब बन रहा है.