सुप्रीम परियोजना पर सवाल, 15 फीसदी अदालतों में महिला टॉयलेट नहीं

2019-07-30 18

Around 15 per cent of the 16,000 court complexes across the country do not have washrooms for women, reflecting sorry conditions of their toilets, a survey report has shown.
On the lines of Centre's flagship scheme Swachh Bharat Abhiyan, the Supreme Court, in November last year, had launched the Swachh Nyayalaya project for renovating toilets in court complexes, particularly those in district courts.

देश के 16,000 अदालत परिसरों में करीब 15 प्रतिशत में महिलाओं के लिए शौचालय नहीं है। इसका खुलासा एक सर्वेक्षण में हुआ है। केंद्र के स्वच्छ भारत अभियान के तहत सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में अदालतों के परिसर, विशेषकर जिला न्यायालयों में शौचालयों के नवीनीकरण और मरम्मत के लिए स्वच्छ न्यायालय परियोजना लॉन्च की थी।