वाराणसी. चंद्र ग्रहण के सूतक के चलते धार्मिक नगरी काशी में घाटों पर हर दिन शाम के समय होने वाली गंगा आरती की परंपरा मंगलवार को एक बार फिर टूट गई। 27 सालों के इतिहास में यह तीसरा मौका था, जब दशाश्वमेध समेत अन्य घाटों पर आरती शाम की बजाए दिन के उजाले में हुई। सूतक काल लगते ही सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं, जो अब बुधवार को भोर में चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद खुलेंगे।